संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा में उमड़ रही भक्तों की भीड़, दुसरे दिन देवी भागवत कथा में आस्तिक को वचन और सर्प यज्ञ की संपत्ति, राजा देवव्रत और दासराज आदि प्रसंग बताऐ

संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा में उमड़ रही भक्तों की भीड़, दुसरे दिन देवी भागवत कथा में आस्तिक को वचन और सर्प यज्ञ की संपत्ति, राजा देवव्रत और दासराज आदि प्रसंग बताऐ

 


सिंगोली ( निरंजन शर्मा )।नवरात्रि के पावन पर्व पर चल रही 9 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा में दुसरे दिन माता रानी के भक्तों की भीड़ उमड़ी श्रीधाम वृन्दावन के प्रसिद्ध कथावाचक पण्डित गोपी जी शास्त्री के मुखारविंद से दुसरे दिन की कथा में आस्तिक और सर्प यज्ञ की संपत्ति का वर्णन किया गया जो एक महत्वपूर्ण प्रसंग है। यह कथा आदि पर्व में वर्णित है, जिसमें आस्तिक को दिए गए वचन के कारण जन्मेजय द्वारा किए जाने वाले सर्प यज्ञ की संपत्ति का वर्णन होता है।

इस कथा में, आस्तिक एक ऋषि के रूप में प्रस्तुत होते हैं, जो सर्प यज्ञ को रोकने के लिए आते हैं। आस्तिक को दिए गए वचन के कारण, जन्मेजय सर्प यज्ञ को रोकने के लिए मजबूर होते हैं, और आस्तिक को यज्ञ की संपत्ति देने का वचन देते हैं।

इसके अलावा, इस कथा में राजा देवव्रत और सत्यवती का प्रसंग भी वर्णित है। इस प्रसंग में, देवव्रत सत्यवती को वचन देते हैं कि वह राज्य नहीं करेंगे और राज्य उनके पुत्र को मिलेगा। यह वचन देवव्रत की महानता और उनके पुत्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।यह कथा की एक महत्वपूर्ण घटना है, जो हमें नैतिकता, वचनबद्धता, और महान व्यक्तियों के चरित्र के बारे में सिखाती है।आज की कथा में स्थानीय महीला पुरूषों सहित आसपास गावो से बड़ी संख्या में  श्रध्दालु भक्त मौजूद थे!