सिंगोली (निरंजन शर्मा )।नवरात्रि के पावन पर्व पर बिजासन माता मंदिर तुरकियां में आयोजित 9 दिवसीय श्रीमद देवी भागवद कथा का आयोजन सोमवार को 8:15 पर प्रारंभ हुआ । आयोजन में सर्वप्रथम वार्ड 10 शीतला माता मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई जिसमें मातृ शक्ति ने पारम्परिक वेशभूषा में सिर पर कलश लेकर यात्रा प्रारंभ की तथा श्री मद देवी भागवत पुराण को भक्तगण बारी बारी सर पर रख कर चल रहे थे तथा उनके साथ कथावाचक श्रीधाम वृंदावन के पंडित गोपी शास्त्री चल रहे थे। कलश यात्रा शीतला माता मंदिर वार्ड 10 से बिजासन माता मंदिर परिसर में नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पहुंची वहां कलश स्थापना की गई कलश यात्रा का जगह जगह धर्मप्रेमी नगरवासियों ने स्वागत किया,बापु बाजार में कृष्णा मित्रमंडल द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। संगीतमय श्री मद भागवत देवी कथा का 22 सितम्बर से 30 सितम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से 03 बजे तक आयोजन किया जा रहा है । कथा समिति सहयोगी हरि ओम मित्रमंडल ने कहा कि 30 सितम्बर कथा समाप्ति पर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा । उल्लेखनीय है कि हरिओम मित्रमंडल समस्त ग्रामवासी तुरकियां सिंगोली क्षैत्र वासियों द्वारा पहली बार नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रीमद भागवत देवी कथा का आयोजन कर रही है । जिसमें श्रैत्रवासी धर्म प्रेमी श्रद्धालुओ का सहयोग भी मिल रहा है श्रीमद भागवत देवी कथा में प्रतिदिन पूजा कथा वाचन संपन्न होंगे जिसमें सभी सिंगोली क्षैत्रवासी श्रद्धालुजन आमंत्रित है। श्री मद भागवत देवी पुराण में आज यजमान के रूप में श्रध्दालु शामिल हुए । श्री मद भागवत देवी पुराण में आज पूजा के पश्चात कथावाचक पंडित गोपी शास्त्री ने देवी के रूपों का वर्णन किया तथा कहा की देवी ऊर्जा का केंद्र है तथा संपूर्ण विश्व के कण कण में समाई हुई है । पंडित गोपी शास्त्री ने श्रीमद् देवी भागवत कथा के पहले दिन, भगवती के जन्म, पार्वती के तप और स्यमंतक मणि की कथा सुनाई है जिसमें माता सती के देह त्याग और पार्वती के जन्म का प्रसंग सुनाया तथा महाराज दूरदुम के पुत्र प्राप्ति की कथा भी सुनाई । श्रोताओं में भगवती के प्रति श्रद्धा और भक्ति का भाव जगा । भगवती के जन्म का वर्णन जो सृष्टि के पालन और पोषण के लिए आवश्यक है।
भगवती पार्वती के तप जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है जिसमें उनकी शक्ति और महिमा समाहित है स्यमंतक मणि की कथा, जो भगवती की कृपा और शक्ति का प्रतीक है कि साथ ही
माता सती के देह त्याग और पार्वती के जन्म, और महाराज दूरदुम के पुत्र प्राप्ति की कथाएं भी सुनाई ।
कथा सुनने से भगवती के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ती है और कथा सुनने से देवी भागवत पुराण के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है इस अवसर पर तुरकियां,हरिपुरा, धनगांव ,सिंगोली आदि जगह के श्रध्दालु धर्मप्रेमी भक्त उपस्थित रहे।