नीमच। ज्ञान की देवी सरस्वती के पूजन का पर्व वसंत पंचमी बुधवार को शुभ योग में रेवती-अश्विनी नक्षत्र के संयोग में मनाई जाएगी। साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक इस पर्व पर मांगलिक कार्य होंगे। हालांकि पंचांगों में इस बार विवाह मुहू्र्त नहीं दिया गया है, लेकिन विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश जैसे कार्य होंगे। इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन शहर में जगह-जगह मां सरस्वती की मनोहारी प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाएगी। बीते कुछ वर्ष से वसंत पंचमी पर माता सरस्वती की प्रतिमाएं स्थापित करने का चलन बढ़ा है। माघ की गुप्त नवरात्र की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 2.41 से 14 फरवरी को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के मान से पंचमी 14 को होने से इसी दिन सरस्वती पूजन होगा। इसके लिए पांच घंटे 35 समय (सुबह 7.01 से 12.35 तक) रहेगा। इस दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग प्रकार की पूजन की भी मान्यता है। सभी कार्य की सिद्धि के लिए संकल्प पर विशेष पर पूजन कर सकते हैं।
आज विराजेंगी मां सरस्वती-वसंत पंचमी पर शहर मेंं कई स्थानों मां सरस्वती का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन से शुभ मुहूर्त में विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार, चोलकर्म संस्कार, ग्रह शांति, देव प्रतिष्ठा, धार्मिक यात्रा, भागवत पारायण, नवीन प्रतिष्ठानों का शुभारंभ आदि कार्य किए जा सकते हैं। वसंत पंचमी का दिन वर्ष के अबूझ मुहूर्तों में शामिल है। यह दिन मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभकारी है। इस बार वसंत पंचमी के मौके पर शहर में सैंकडो विवाह होने की संभावना है। पं. राजेंद्र शर्मा के अनुसार मांगलिक कार्य और सभी शुभ कार्यों के लिए यह श्रेष्ठ दिन है। इस दिन खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है। भूमि, भवन, वाहन, आभूषण सहित स्थायी सम्पत्ति की खरीदारी के लिए विशेष शुभ होता है।