कांग्रेस में सेंध...भाजपा का पांचों सीटों पर दांव, राज्यसभा के लिए बनाया गया चक्रव्यूह

कांग्रेस में सेंध...भाजपा का पांचों सीटों पर दांव, राज्यसभा के लिए बनाया गया चक्रव्यूह



भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मप्र में भाजपा राज्यसभा की पांचों सीटों को कब्जाने की रणनीति पर काम कर रही है। सूत्रों का कहना है की भाजपा ने कांग्रेस में बड़ी सेंध की तैयारी कर ली है। अपनी इस रणनीति के आधार पर भाजपा पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ी करेगी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मतदान के दौरान कांग्रेस में बड़े स्तर पर क्रास वोटिंग होगी और भाजपा का पांचवां प्रत्याशी भी राज्यसभा का चुनाव जीत जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा की पांच सीटों के लिए निर्वाचन होने जा रहा है। विधानसभा में विधायकों की संख्या को देखते हुए 5 में से 4 सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिखाई दे रही है। इस बीच भाजपा ने पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। इससे कांग्रेस खेमे में बड़ी टूट का खतरा बढ़ गया है। इसकी संभावना इसलिए भी ज्यादा बन रही है क्योंकि हाल ही में राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने भाजपा की सदस्यता ली है। राज्यसभा की पांच सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। 15 फरवरी तक नामांकन दाखिल होंगे। 20 फरवरी तक प्रत्याशी नाम वापसी कर सकते है। जबकि 27 फरवरी को मतदान होगा। इसी दिन नतीजे घोषित होंगे।

भाजपा-कांग्रेस में तेजी से लॉबिंग शुरू

लोकसभा चुनाव से पहले मप्र में खाली होने वालीं पांच राज्यसभा सीटों को लेकर अधिसूचना जारी हो गई है। इन सीटों को लेकर भाजपा-कांग्रेस में तेजी से लॉबिंग शुरू हो गई है। पांच सीटों में से अभी चार भाजपा और एक कांग्रेस के पास है। विधानसभा में दोनों दलों के सदस्यों की संख्या के आधार पर भी चार सीटें फिर से भाजपा और एक कांग्रेस को मिलनी तय है। दोनों दल अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार का चयन करेंगे। इस बीच भाजपा की कोशिश है कि वह प्रदेश की पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ाकर कांग्रेस में सेंध लगाए। राज्यसभा चुनाव की खास बात यह है कि मतदान दिखाकर होता है। पार्टी के अभिकर्ता को बताया जाता है कि वोट किसे दिया जा रहा है। विधानसभा में सीटों की संख्या को देखते हुए चुनाव की स्थिति बनने की संभावना कम ही है। लेकिन भाजपा यदि पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारती है तो फिर चुनाव होना तय है। हालांकि फिलहाल 1 सीट कांग्रेस को मिलना तय है। क्योंकि कांग्रेस के पास 66 सदस्य हैं। जबकि भाजपा के पास 163 सदस्य हैं। सिर्फ एक सदस्य निर्दलीय है।

पांचवी सीट के लिए भाजपा को 32 वोट की जरूरत

भाजपा प्रदेश की पांचों सीटों को जीतने के जिस रणनीति पर काम कर रही है उसके लिए उसे और 32 वोट (विधायक) की जरूरत पड़ेगी। गौरतलब है कि राज्यसभा की एक सीट के लिए 39 वोट की जरूरत है। ऐसे में 156 वोट तो उसकी चार सीटों के लिए हैं। उसके बाद पार्टी के पास 7 वोट बचेंगे। ऐसे में पांचवीं सीट के लिए भाजपा को और 32 वोट की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए कांग्रेस में बड़ी सेंध की जरूरत पड़ेगी। उधर, राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान करते हुए सभी सीट जीतने का भी दावा किया है। ऐसे में विपक्ष भाजपा अध्यक्ष की घोषणा को बेहद गंभीरता से ले रहा है। क्योंकि इससे पहले भी राज्यसभा के पिछले चुनावों में भाजपा पर्याप्त सदस्य संख्या न होते हुए भी राज्यसभा के लिए प्रत्याशी उतार चुकी है। हालांकि तब भाजपा ने निर्दलीय तौर पर प्रत्याशी उतारा था। भाजपा के इस कदम से कांग्रेस विधायकों में बगावत का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा था। हालांकि चुनाव में कांग्रेस ही जीती।

अभी आठ सीटों पर भाजपा का कब्जा

राज्यसभा में प्रदेश की 11 सीटों में से तीन कांग्रेस और आठ भाजपा के पास हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए दोनों दल ऐसे उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं, जिनसे पार्टी को चुनाव में लाभ मिले। उधर, इस बात की भी पूरी कोशिश है कि प्रत्याशी चयन के बाद कोई जनप्रतिनिधि या वर्ग नाराज नहीं होने पाए। इस कारण सबसे अधिक जोर जातिगत और फिर क्षेत्रीय समीकरणों पर रहेगा। भाजपा से जुड़े सूत्र कहते हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव में पराजित या फिर नाराज नेताओं को भी मौका दे सकती है। साथ ही एक या दो सीटों पर नया चेहरा सामने ला सकती है। इसके पहले भी पार्टी ने ऐसे ही चेहरे राज्यसभा में भेजे हैं। भाजपा राज्यसभा के कुछ सदस्यों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम चल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए भी उम्मीदवार चुना जाएगा। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा सीटों के लिए दिल्ली दरबार से ही नाम फाइनल किए जाएंगे। पहले की तरह पार्टी दो सीटों पर क्षेत्रीय और दो सीटों पर बाहरी नेता को राज्यसभा भेज सकती है।

राज्यसभा के चुनाव में होगा बड़ा खेला

राज्यसभा और लोकसभा चुनाव से पहले मप्र की राजनीति में बड़े बदलाव और तोडफ़ोड के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा कांग्रेस में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस में भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। भाजपा ने जो रणनीति बनाई है, उसमें संसद में एक भी सदस्य मप्र से कांग्रेस का नहीं होगा। इसी रणनीति के तहत राज्यसभा की रिक्त सीटों में से भाजपा कांग्रेस को एक भी सीट देने के लिए तैयार नहीं है। मप्र में जहां-जहां कांग्रेस के महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष तथा जिला पंचायत में कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्षद काबिज हैं। उन्हें भी भाजपा में लाने की लगातार कोशिश भाजपा द्वारा की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन में प्रमुख रूप से मुरैना के पूर्व विधायक राकेश मावई, शिवपुरी के पूर्व जनपद अध्यक्ष परम सिंह रावत, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पूर्व एडवोकेट जनरल शशांक शेखर, डिंडोरी जिला पंचायत के अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते सहित उपाध्यक्ष एवं चार पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जिसके कारण मप्र की राजनीति में भूचाल देखने को मिल रहा है।