*शिक्षा हमें ज्ञान और कौशल प्रदान करती है: लक्ष्मी प्रेमाणी

*शिक्षा हमें ज्ञान और कौशल प्रदान करती है: लक्ष्मी प्रेमाणी

नयागांव शासकीय एकीकृत मावि में वार्षिकोत्सव का किया आयोजन

नीमच (निप्र)। गायत्री मंत्र आत्म-साक्षात्कार करने का एक साधन है। गायत्री मंत्र दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र है यह अंतर्ज्ञान को जागृत करता है जो साधक को अंतिम सत्य की ओर मार्गदर्शन करता है। विद्यार्थियों के लिए यह मंत्र एक तरह से वरदान है इस मंत्र के जाप करन से मन में प्रेम, करुणा, उदारता और वैराग्य के गुणों जाग्रत होते है। यह बात महिला समन्वय शाखा जिला संयोजिक लक्ष्मी प्रेमाणी ने कही।



शुक्रवार को नयागांव स्थिति शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय में वार्षिकोत्सव के दौरान जिला संयोजिका ने मुख्य अतिथि के रुप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  गायत्री मंत्र के बारे में बच्चों बताते हुए कहा  यह महामंत्र यह अहंकार, क्रोध, लालच, वासना और मोह जैसी बुराइयों पर काबू पाने में भी मदद करता है।

वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती पर माल्यार्पण के साथ किया गया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया इसके साथ ही कक्षा  8वीं  विद्यार्थियों को फेयरवेल और संपूर्ण वर्ष में बच्चों की गतिविधियों के लिए भी बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में  समाजसेवी मंजूला शर्मा द्वारा बच्चों को गायत्री मंत्र की लेखन पुस्तिका वह स्कूल स्टाफ अखंड ज्योति की पुस्तिका में दी गई , संगीता जैन सहित  विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती शोभना मगन सहित विद्यालय का स्टाफ उपस्थित था।