*बच्चों के संस्कार निर्माण में माता की भूमिका अहम*:डॉ संजय जोशी

*बच्चों के संस्कार निर्माण में माता की भूमिका अहम*:डॉ संजय जोशी

 


नीमच | बच्चों के संस्कार निर्माण में माँ का महत्वपूर्ण स्थान है, इतिहास में जितने भी महापुरुष, लेखक,वैज्ञानिक,स्वतंत्रता सेनानी, कलाकार आदि हुए हैं उनके महान कार्यो के पीछे उनकी माँ का महत्वपूर्ण योगदान है। बसंत पंचमी का दिन  हमारे  जीवन में  सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक  महत्व  रखता है । इस दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करके हम नव जीवन की शुरुआत  करते है । सी एम राइज विद्यालय  परिवार  ने आज वेलेन्टाइन  डे को भारतीय  संस्कृति  से जोड़कर  और माता पिता का सम्मान और  अभिनंदन  किया ,यह एक अभिनव,पुनीत और पवित्र  प्रयास  है । उक्त विचार डॉ संजय जोशी ने विद्यालय में आयोजित मातृ-पितृ सम्मान समारोहऔर संस्कार निर्माण की परिचर्चा  में व्यक्त किए।उन्होंने  कहा कि जितने भी महान लोग हुए  है । उनके पीछे उनकी  माता  का हाथ  रहा है, शिवाजी ऐसे ही शिवाजी नही बने,उनके पीछे जीजाबाई का अथक परिश्रम  और त्याग  था । महाराणा  प्रताप की माता बहुत  शुरवीर और प्रतापी थी । आप कहाँ  बैठे हो ,किसके साथ बैठे हो ,बहुत मायने  रखता है। ‌संगत से ही रंगत आती है ‌

उक्त  उद्गार  शिक्षाविद  एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संजय जोशी ने  सीएम राइज विद्यालय  नीमच केंट  में परिचर्चा " वर्तमान परिवेश में बच्चों के संस्कार सृजन में  अभिभावको की भूमिका" विषय पर आयोजित मातृ पितृ सम्मान समारोह एवं बसन्तोत्सव समारोह में  व्यक्त किए। उन्होंने महान वैज्ञानिक  थामस एडीसन ,दार्शनिक ओशो  एव छत्रपति शिवाजी के   उदाहरणों के माध्यम से जीवन में माँ की महत्ता बताई।अभिभावक  सम्मान  समारोह  एवं बसंतोत्सव  का शुभारंभ  प्रो.  डॉक्टर  संजय जोशी,शिक्षाविद  श्री हिम्मत सिंह  जैन , संस्कृत विद्वान डॉ सुंदरलाल सालेचा ,प्राचार्य   किशोरसिंह जैन  ,उप प्राचार्य  महेश शर्मा  ने मां सरस्वती  की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण  और दीप प्रज्ज्वलित  कर किया । संगीत  शिक्षक  शालीन सातपुते  के मार्गदर्शन में विद्यालय की छात्राओं ने  सरस्वती  वंदना  ,स्वागत गीत एवं माता पिता पर सुंदर गीत के माध्यम से प्रभावी प्रस्तुति दी। प्राचार्य  किशोरसिंह जैन ने अपने  स्वागत उदबोधन में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि हमारी सनातन संस्कृति में दिव्य शक्तियों को मानवीय आकृतियों में चित्रित करके अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति प्रकट की जाती है,उसी क्रम में  ज्ञान,वैभव और शक्ति के  रूप में क्रमशः माँ सरस्वती , देवी लक्ष्मी और माँ दुर्गा को स्वीकार किया गया है आज बसंतोत्सव के अवसर पर ज्ञान की देवी सरस्वती की जयंती मनाई जाती है,प्राचार्य जैन ने बताया कि आज 14 फरवरी के दिन को जहाँ पूरे विश्व मे वेलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है जो पश्चिमी संस्कृति का प्रतीक हैं वही  सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करते हुए सीएम राइज विद्यालय नीमच में अभिभावको का  सम्मान उन्ही के बच्चों द्वारा किया जाकर मातृ पितृ पूजन कर  एक अभिनव शुरुआत गत वर्ष से की है । अतिथियों  का स्वागत प्राचार्य  किशोर सिंह जैन,उप प्राचार्य महेश शर्मा ,उमाशि प्रहलाद पाल एवं प्रधान अध्यापिका मंजुला धीर ने किया। इस अवसर पर  शिक्षाविद एवं म.प्र. शिक्षक संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री  हिम्मत सिंह जैन  ने महान सती  मां सीता  को नमन करते हुए सभी नारी शक्ति  को प्रणाम  किया । उन्होंने कहा  कि आज का यह कार्यक्रम विद्यालय के बच्चों  को सुसंस्कार  देने की दिशा में अभिनव कदम है । हम सुधरेंगे ,युग सुधरेगा की उक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हमें अपना आचरण  सुधारना होगा  क्योंकि  जैसा हम करते है ,वैसा ही बच्चें सीखते है ‌, हम बडों का सम्मान  करेंगे तो बच्चे  हमारा सम्मान  करेंगे। परिचर्चा में राजस्थान उच्च शिक्षा विभाग  जोधपुर  से पूर्व प्राचार्य  श्री सुंदरलाल  सालेचा  ने  कहा कि माता पिता  क्या कर रहे है यह बच्चे  बहुत  ध्यान  से देखते है । हम अपने बच्चों  को क्या  बनाना चाहते है,कैसे संस्कार देना चाहते हैं यह परिवार  पर अधिक  निर्भर करता है। बच्चों के संस्कारों पर  माता पिता का 50%,समाज  का 25  प्रतिशत और विद्यालय  का 25 प्रतिशत  प्रभाव पडता है । सिंधू सेवा महिला संगठन नीमच की अध्यक्ष सुश्री लक्ष्मी प्रेमाणी  ने बसंत पंचमी का महत्व  बताते हुए आज के दिन  को परिभाषित  किया।उन्होंने  कहा कि बसंत पंचमी  हमें सिर्फ  बाहरी  रंग ही नही दिखाती बल्कि जीवन के अनेक रंगो के दर्शन कराती है। इस अवसर पर सिंधु महिला सेवा समिति द्वारा विद्यालय के बच्चों को भेंट स्वरूप ड्राइंग बुक,कलर,कॉपी एवं पेन प्रदान किए।  बसंतोत्सव  पर सम्पूर्ण  विद्यालय  परिवार पीले परिधान  में एक अनोखी छटा बिखेर रहा था ।मंच सज्जा भी पीले पुष्पों व परदों से  सुसज्जित  थी । इस अवसर पर बडी संख्या  मे अभिभावक  उपस्थित  थे । इस अवसर पर "आधुनिक परिवेश में बच्चों के संस्कार निर्माण में अभिभावकों की भूमिका " विषय पर आयोजित   परिचर्चा में विद्यार्थियों के साथ साथ अभिभावक श्रीमती शिखा तिवारी , पत्रकार श्री दिनेश प्रजापति ,श्री राजीवसिंह ,श्री अभिषेक पाटीदार ने भी अपने विचार रखें । विद्यार्थियों  द्वारा अपने मातापिता  का विधिविधान  से पूजन कर सम्मान किया । समारोह का सफल संचालन  शिक्षिका  सुश्री ज्योति राठौर और श्रीमती सोनम शर्मा  द्वारा  किया गया । कार्यक्रम में उपस्थित सभी अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को संस्कार निर्माण एवं उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु शपथ भी दिलाई गई, पुलवामा में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनिट का मौन भी रखा गया।आभार उप प्राचार्य श्री महेश शर्मा ने व्यक्त किया ।