वन विभाग में 300 वन क्षेत्रपाल के पद खाली, उप वन क्षेत्रपालों को वन क्षेत्रपाल का प्रभार देने की फाइल 7 महीने से बनी है फुटबॉल

वन विभाग में 300 वन क्षेत्रपाल के पद खाली, उप वन क्षेत्रपालों को वन क्षेत्रपाल का प्रभार देने की फाइल 7 महीने से बनी है फुटबॉल


भोपाल।  वन विभाग में 300 वन क्षेत्रपालों के पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए वन मुख्यालय ने इन पदों पर उप वन क्षेत्रपालों को पदस्थ करने का निर्णय लिया था। लेकिन उप वन क्षेत्रपालों को उच्चतर पद वन क्षेत्रपाल का प्रभार देने की फाइल वन विभाग में फुटबॉल बनी हुई है। पिछले 7 महीने से यह फाइल विभाग के अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया और वन मुख्यालय के बीच घुम रही है। शासन के आदेश अनुसार वन मुख्यालय ने अप्रैल 2023 में उप वन क्षेत्र वालों को उच्चतर पद वन क्षेत्रपाल के पद का कार्यवाहक प्रभार देने के संबंध में डीपीसी आयोजित करके फाइल को वन विभाग शासन अपर मुख्य सचिव को भेजा था। लेकिन अपर मुख्य सचिव ने इस फाइल पर आदेश जारी न करते हुए इसे रोके रखा। बाद में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लग गई। इस कारण आदेश जारी नहीं हो सका।अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया ने आचार संहिता का आधार बनाकर जनवरी माह में फाइल को पुन: वन मुख्यालय भेज दिया और लिख दिया की आचार संहिता के दौरान आदेश जारी न होने के कारण कई उप वन क्षेत्रपाल सेवानिवृत हो गए हैं। इसलिए दोबारा पुनरक्षित डीपीसी आयोजित करके पुनरक्षित प्रस्ताव शासन को भेजे जाए। वन मुख्यालय ने शासन के निर्देश पर पुनरक्षित डीपीसी की बैठक आयोजित करके 89 उप वन क्षेत्रपालों  के नाम 12 जनवरी 2024 को  प्रस्ताव पारित करके आदेश जारी करने के लिए भेज दिया। लेकिन अपर मुख्य सचिव जे एस कंसोटियां ने अभी भी आदेश जारी नहीं किए हैं।जबकि प्रदेश के वन विभाग में 300 वन क्षेत्रपालों के  पद खाली  है। प्रदेश के टाइगर रिजर्व एवं वन अभयारण में भी सैकड़ों रेंजर के पद खाली हैं।

मंत्री के आश्वासन के बाद भी आदेश नहीं

मप्र कर्मचारी मंच के वन कर्मचारी प्रकोष्ठ ने इस संदर्भ में वन मंत्री नागर सिंह चौहान को ज्ञापन सौंप उप वन क्षेत्रपालों को वन क्षेत्रपाल का प्रभार देने की मांग की थी। मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव से चर्चा कर जल्द ही आदेश जारी कराया जाएगा। लेकिन लंबा अरसा गुजर जाने के बाद भी अभी तक आदेश जारी नहीं किए गए हैं।