केजरीवाल सरकार शराब घोटाले पर मौन भटका रही जनता का ध्यान

केजरीवाल सरकार शराब घोटाले पर मौन भटका रही जनता का ध्यान

  केजरीवाल सरकार शराब घोटाले पर मौन भटका रही जनता का ध्यान

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी भाजपा की दिल्ली इकाई ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार पर कथित शराब घोटाले पर मौन साधने और मामले से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। हालांकि, इन आरोपों पर ‘आप’ की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार विपक्ष और लोगों के सवालों के जवाब नहीं दे रही है और आबकारी नीति 2021-22 में घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए ‘‘नाटक’’ कर रही है। गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘दिल्ली विधानसभा का हालिया विशेष सत्र और कुछ नहीं, बल्कि आप सरकार द्वारा शराब घोटाले से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश थी। पांच दिवसीय सत्र में लोगों से संबंधित एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई।’’ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से कथित घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश के बाद जुलाई में राज्य सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि शराब नीति में किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है। मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपी सिसोदिया ने यह भी दावा किया है कि जांच एजेंसी ने उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दी है। दरअसल, सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी है। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया दोनों ने आबकारी नीति को वापस लेने के कारण को स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत राजस्व में कमी क्यों हुई, इस पर भी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के हवाले से कहा, ‘‘पुरानी आबकारी नीति के तहत, शहर में शराब की बिक्री 132 लाख लीटर प्रति माह और सरकार का राजस्व 5,068 करोड़ रुपये था। वहीं, आबकारी नीति 2021-22 में, मासिक शराब की बिक्री दोगुनी होकर लगभग 245 लाख लीटर हो गई, लेकिन राजस्व गिरकर 4,465 करोड़ रुपये पर आ गया।