Hasya Poetry: अशोक चक्रधर की कविता- एक रुपए के सिक्के और पाँच पैसे के सिक्के में लड़ाई हो गई

Hasya Poetry: अशोक चक्रधर की कविता- एक रुपए के सिक्के और पाँच पैसे के सिक्के में लड़ाई हो गई


 


एक बार

बरखुरदार!

एक रुपए के सिक्के,

और पाँच पैसे के सिक्के में,

लड़ाई हो गई,

पर्स के अंदर

हाथापाई हो गई।

जब पाँच का सिक्का

दनदना गया

तो रुपया झनझना गया

पिद्दी न पिद्दी की दुम

अपने आपको

क्या समझते हो तुम!

मुझसे लड़ते हो,

औक़ात देखी है

जो अकड़ते हो!



इतना कहकर मार दिया धक्का,

सुबकते हुए बोला

पाँच का सिक्का-

हमें छोटा समझकर

दबाते हैं,

कुछ भी कह लें

दान-पुन्न के काम तो

हम ही आते हैं।