तिलस्वा।ऐतिहासिक तीर्थ स्थल सुप्रसिद्ध शिव धाम श्री तिलस्वा महादेव में मंदिर ट्रस्ट भष्ट्राचार को लेकर संघर्ष समिति द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन तिलस्वां मंदिर ट्रस्ट सचिव पर अनियमितता के आरोप के चलते मंदिर ट्रस्ट कार्यालय पर ताला जड़ने से नया विवाद खड़ा हुआ हैं ।
जिसके सीधा असर दान दाता अपनी दान की रसीद जमा नहीं करवा पा रहे हैं साथ ही यहा महादेव क़ैदियों ( बीमार ग्रस्त ) रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा हैं ।
भक्त परेशान व्यवस्थाएं ठफ हुई ।
जबकि इस पूरे घटना क्रम को लेकर हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन है ।
ग़ौरतलब हैं कि भीलवाड़ा जिले का बिजौलिया उपखंड क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध शिव धाम श्री तिलस्वां महादेव मंदिर इन दिनों ट्रस्ट सचिव के पद पर काबिज एक व्यक्ति की हठधर्मिता के चलते विवादों से गुजर रहा है। विवादों के चलते मंदिर ट्रस्ट पर गंभीर आरोप तो लग ही रहे हैं, किंतु इस घटनाक्रम से श्री तिलस्वा महादेव की गरिमा एवं प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। श्रावण मास में श्रद्धा का केंद्र बने श्री तिलस्वां महादेव में भक्तों की भीड़ के साथ विवादों के चिंगारी भी अपनी चरम सीमा पर सामने आ रही है।
मंदिर ट्रस्ट पर अभद्रता, अनियमितताओं और परिवारवाद आरोपों के बीच ट्रस्ट सचिव द्वारा विरोध स्वरूप शुक्रवार को ट्रस्ट कार्यालय पर ताला जड़ दिया गया।
ग्रामीणों के द्वारा ट्रस्ट सचिव मांगीलाल धाकड़ पर गबन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से एक ही व्यक्ति की ट्रस्ट में मनमर्जी चल रही है। ट्रस्ट सचिव के द्वारा हिसाब किताब सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। और ना ही मंदिर विकास के नाम पर कोई ठोस कार्य किए जा रहे हैं।
श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु तिलस्वा महादेव के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। दानदाता कार्यालय पर ताला लगा होने के कारण दान राशि नहीं दे पा रहे हैं। वही इन सब के बीच ट्रस्ट सचिव के द्वारा 16 बाउंसरों की एक नई फौज तैयार की हुई है। इस प्रकार की व्यवस्था से भक्तों में ट्रस्ट के प्रति खासी नाराजगी देखी गई। ग्रामीणों का कहना है कि ट्रस्ट सचिव ने स्वयं की सुरक्षा के लिए बाउंसरों की राशि मंदिर ट्रस्ट के द्वारा वहन की जा रही है।
इनका कहना
श्री तिलस्वा मंदिर ट्रस्ट सचिव मांगीलाल धाकड़ ने बताया कि कुछ ग्रामीणों द्वारा लगाए सारे आरोप निराधार हैं। साथ ही ट्रस्ट सचिव ने संघर्ष समिति के सदस्यों के द्वारा दी जा रही धमकियों के विषय में बताया। इसी के विरोध स्वरूप ट्रस्ट के कार्यालय पर ताले लगाए गए हैं।