भोपाल । विकास कार्यों के लिए किसी भी भवन को तोडऩे के एवज में दिए जाने वाले प्रमाण पत्र के लिए अब ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में इस पोर्टल के माध्यम से ही इस प्रमाण पत्र की खरीदी-बिक्री का कार्य भी करने की योजना है। कहीं भी सडक़ का निर्माण करना हो या सडक़ को चौड़ा करना हो तो स्थानीय निकाय द्वारा लोगों के मकान तोडक़र सडक़ के लिए जगह ले ली जाती है। इसमें लोगों के वह मकान तोड़ दिए जाते हैं, जिसके मालिक वह खुद होते हैं। इसके साथ ही इन मकानों का नक्शा भी पूर्व से मंजूर है तो भी निर्माण को छोड़ा नहीं जाता है। ऐसे निर्माण को तोडऩे के बाद नगर निगम द्वारा संबंधित भवन स्वामी को ट्रांसफर आफ डेवलपमेंट राइटस टीडीआर का प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि अब यह प्रमाण पत्र देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में नगर निगम यदि किसी भी सडक़ का निर्माण अथवा चौड़ा करने का कार्य करेगा तो उसकी एंट्री निगम को इस पोर्टल पर करना पड़ेगी। इसके साथ ही इस कार्य के लिए जो मकान के हिस्से तोड़े जाएंगे, उसका टीडीआर सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन पोर्टल से ही जारी होगा। सरकार द्वारा यह मंशा व्यक्त की गई है कि आने वाले समय में टीडीआर सर्टिफिकेट को खरीदने और बेचने का केंद्र भी इस पोर्टल को ही बनाया जाएगा। जिस भी व्यक्ति को अपनी जमीन पर निर्माण करना होगा तो वहां पर निर्माण के लिए जितने क्षेत्र की अनुमति मिल सकती है, उसके अतिरिक्त क्षेत्र का निर्माण करने के लिए उसे किसी दूसरे व्यक्ति से टीडीआर का सर्टिफिकेट खरीदना होगा। सरकार द्वारा पिछले काफी समय से इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि जिन लोगों के निर्माण हम तोड़ रहे हैं और उन्हें बदले में जो टीडीआर का सर्टिफिकेट दे रहे हैं, यह सर्टिफिकेट आने वाले समय में ऊंचे दाम पर बाजार में बिक जाएगा। ऐसे में जिस व्यक्ति का मकान टूटा है, उसे कोई नुकसान नहीं होगा। मकान टूटने से उस व्यक्ति को जो नुकसान हुआ है, उससे ज्यादा फायदा यह सर्टिफिकेट बिकने से हो जाएगा। अब तक सरकार द्वारा किए जा रहे इस दावे की कोई हकीकत नजर नहीं आ रही थी। सरकार के नाम पर नगर निगम द्वारा लगातार मकान तोडऩे का काम किया जा रहा है और लोगों को टीडीआर के सर्टिफिकेट भी बांटे जा रहे हैं। इन सर्टिफिकेट को बेचने के लिए अभी तक सरकार की ओर से नियम बनाने का काम नहीं किया गया है। अब इस पोर्टल को चालू कर सरकार वह नियम बनाने और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई को तेज करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
अभी तक नहीं बने नियम
टीडीआर पॉलिसी तो राज्य सरकार के द्वारा घोषित कर दी गई, लेकिन इस पॉलिसी के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक नियम बनाने का काम अभी तक नहीं हो सका है। सरकार द्वारा इस पॉलिसी के तहत दिए जाने वाले टीडीआर के सर्टिफिकेट के रिसीविंग एरिया को स्पष्ट करने का काम नहीं किया गया है। अब जब पोर्टल के माध्यम से सारा कार्य शुरू किया जा रहा है तो संभव है कि रिसीविंग एरिया के नियम भी जल्द ही आ जाएं।
विनोद/ 29 जुलाई /2025