संविदाकर्मियों ने खोला मोर्चा, नीमच में हड़ताल जारी

संविदाकर्मियों ने खोला मोर्चा, नीमच में हड़ताल जारी





नीमच।  22 अप्रैल 2025 से प्रदेश के साथ-साथ नीमच जिले के सभी संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिससे जिले में फिजोथेरेपी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, टीबी, कार्यालयीन कार्य, दवाई वितरण का कार्य रिर्पोटिंग का कार्य बन्द पडा हुआ है। हड़ताल के इसी क्रम में दिनांक- 25 अप्रैल, शुक्रवार को सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार को अपनी मांगो को पूरा करने के संबंध में निवेदन पत्र दिया। जिस पर विधायक दिलीप सिंह परिहार ने आश्वासन दिया कि, आपकी मांगो के शीघ्र निराकरण हेतू मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत करवाऐंगे।



मिशन संचालक भोपाल द्वारा पूरे प्रदेश में हडताल पर चल रहे संविदा कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही हेतू एक आदेश जारी किया गया। इस तानाशाही आदेश के विरूद्ध में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर उक्त आदेश की प्रति की होली जलाकर आकोश व्यक्त किया। जिसमे जिले के सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयो ने हिस्सा लिया।



गौरतलब है कि, राष्टीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत लगभग 32 हजार कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू रूप से देते आ रहे है। कोरोना काल जैसे गंभीर महामारी में भी अपने परिवार एवं जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएं दी। इन्हीं सेवा-भाव को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिनांक- 04.07.2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएँ की थी। जिसके परिपालन मे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23.07.2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी, परन्तु राष्टीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की गई है।


इन मांगो को लेकर फिर से हड़ताल शुरू-

- विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जावे।

- पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ई.एल. एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है।

- अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है।

- अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है।
- सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है।
- एन.पी.एस., ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डी.ए. की सुविधा से वंचित रखा गया है।
- शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जावें।
- निष्कासित सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी।