मंदसौर में ब्राह्मणों का समागम, पुजारियों की वेतन बढ़ाने सहित 21 सूत्री प्रस्ताव पास किए गए

मंदसौर में ब्राह्मणों का समागम, पुजारियों की वेतन बढ़ाने सहित 21 सूत्री प्रस्ताव पास किए गए

मंदसौर। राष्ट्रीय परशुराम सेना की प्रदेश इकाई के तत्वावधान में शहर के कृषि उपज मंडी प्रांगण में सकल ब्राह्मण समाज का समागम आयोजित हुआ। इसमें मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से हजारों संख्या में समाजजन शामिल हुए।कार्यक्रम की शुरुआत में प्रदेश परशुराम सेवा के अध्यक्ष पंडित जितेंद्र व्यास ने करते हुए कहा कि राष्ट्रीय परशुराम सेवा की प्रदेश इकाई ने मंदसौर में इस वृहद ब्रह्म समागम का लक्ष्य ब्रह्म शक्ति को जागृत कर ब्राह्मण जनों को उनके वास्तविक अधिकार और सम्मान दिलाना है। ब्राह्मण समागम में पारित प्रस्तावों को शासन तक भेजा जाएगा और इन सभी प्रस्तावों में उल्लेखित बिंदुओं को मनवाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। सभा में एट्रोसिटी एक्ट में जांच के बाद ही कार्रवाई करने, पुजारियों की वेतन बढ़ाने सहित 21 सूत्री प्रस्ताव पास किए गए जिन्हें शासन को भेजा जाएगा।

ब्रह्म समागम में संत निर्मल चैतन्यजी महाराज, राजेंद्र पुरी जी महाराज, श्री भागवत विद्यापीठ सोला अहमदाबाद के आचार्य श्री भागवत ऋषि, धर्माचार्य पं. मिथिलेश नागर, डॉ देवेंद्र शास्त्री, पंडित दशरथ शर्मा, पं. शिवकरण प्रधान, पं.राजेश शर्मा, प. गौरी शंकर शर्मा, पं.पंकज जलारा, हरीश कटवार पं. विष्णु ज्ञानी आदि मंचासीन थे। ब्राह्मण समागम को संबोधित करते हुए निर्मल चेतान्यजी महाराज ने कहा कि ब्राह्मण वैदिक परंपरा के वृक्ष होते हैं वेद पुराण उनकी शाखाएं हैं। गाय और ब्राह्मण को वैदिक परंपरा में सर्वोच्च स्थान दिया गया है हमें अपने अंदर के ब्राह्मणत्व को जागृत करते हुए ब्रह्म कर्म के साथ अपने ब्रह्म मोचित नियमों का पालन करना चाहिए तभी हमारा प्रभाव संपूर्ण समाज पर पड़ेगा।