सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला मैं छात्राओं ने सीखे आपदा प्रबंधन के गुर

सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला मैं छात्राओं ने सीखे आपदा प्रबंधन के गुर

  


नीमच।श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया l कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रजललन के साथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एन.के. डबकरा एवं SDERF की प्लाटून कमांडर पुष्पा पवार द्वारा किया गया l

कार्यशाला SDERF एवं होमगार्ड जिला नीमच के सौजन्य से आयोजित की गई। जिसका नेतूत्व प्लाटून कमांडर पुष्पा पवार द्वारा किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा एवं जोखिम के बारे में छात्राओं को जानकारी प्रदान करना था ताकि दुर्घटना से पहले सुरक्षा उपाय संभव हो l

इस अवसर पर  SDERF की टीम द्वारा छात्राओं को आपात स्थिति में से निकलने के सुरक्षात्मक उपाय बताए ताकि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

कार्यशाला व प्रशिक्षण के दौरान आपदा प्रतिसाद  दल के जवानों द्वारा छात्राओं, प्राध्यापकों एवं महाविद्यालय के कर्मचारियों को आपातकाल में आपदा से निपटने के गुर सिखाए। एसडीआरएफ नीमच की अगुवाई में जवानों ने दुर्घटना के समय रक्तस्राव को रोकने, घायल व्यक्ति को तत्काल उपचार देने, हृदयाघात रोगी को तत्काल ऑक्सीजन यानि सीपीआर देने के साथ-साथ भूकंप, बाढ़ अन्य महामारी से बचाव के उपाय बताए। आपदा प्रतिसाद बल ने आपदा के समय जहां तक हो सके बिना तकनीकी परामर्श के किसी भी चीज से निकलने के स्वस्थ और सुरक्षात्मक उपाय बताए।

इस मॉकड्रिल में आग लगने पर कैसे रोकथाम की जाए इसको दर्शाया गया। मॉकड्रिल में दिखाया गया कि अचानक एक सिलेंडर में आग लग गई और तुरन्त इस आग को कैसे बुझाया जाए।  प्राथमिक उपचार और बचाव का सामान्य प्रशिक्षण भी विद्यार्थियों को दिया गया। विद्यार्थियों और शिक्षकों को बताया कि हड्डी टूटने पर कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिएं। बाढ़ आने पर लोगों को पानी में डूबने से कैसे बचाया जाए और बाढ़ आने पर कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिएं। उन्होंने जिंदगी बचाने के लिए लाइफ जैकेट का जुगाड़ करना भी सिखाया।

 प्राथमिक उपचार और बचाव का सामान्य प्रशिक्षण देते हुए उन्होंने छात्राओं को CPR,  दो, तीन, चार हाथ बेल्ट और बैग उठाने आदि की तकनीक से अवगत कराया l कार्यक्रम के अंतर्गत सीपीआर की प्रक्रिया के बारे में भी जागरूक किया। कार्यशाला के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एन. के. डबकरा द्वारा बताया गया कि आपदाओं से निपटने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है जागरुक बनकर जानकारी प्राप्त करना और सावधान रहना । आपदा के समय भगदड़ नहीं मचानी चाहिए और धैर्य रखना चाहिए।इस दौरान एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रियंका डलवानी की अगुवाई में NCC व एनएसएस के सभी स्वयंसेवकों ने अपनी भागीदारी दी।कार्यशाला में महाविद्यालय परिवार एवं लगभग 300 छात्राएं उपस्थित रही l कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर हीरसिंह राजपूत द्वारा एवं आभार प्रदर्शन डॉ. हिना हरित द्वारा किया गया ।