महाकाल मित्र मंडल के नेतृत्व में निकली भोले बाबा की शाही सवारी
झकनवादा। सावन माह के आठवें एवं अंतिम सोमवार को शिवालयों में दर्शनार्थियो का लगा तांता। मधु कन्या नदी के तट पर स्थित बाबा भूतेश्वर मंदिर को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाइटिंग डेकोरेशन किया गया। सबसे बड़ी खासियत यह रही इस वर्ष की बाबा भूतेश्वर की मिट्टी की प्रतिमा बनाई गई। और उसे डोल में विराजित कर आर्टिफिशियल चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवाते हुए डीजे, ढोल ताशे के साथ सैकड़ो शिव भक्तों की उपस्थिति में नगर भ्रमण करवाया गया। महाकाल मित्र मंडल झकनवादा हर वर्ष बाबा की शाही सवारी में आर्टिफिशियल रूप से कुछ ना कुछ नया करने का जुनून रखता है। इस वर्ष भी महाकाल मित्र मंडल झकनावदा के सदस्यों द्वारा मेहनत करके आर्टिफिशियल चंद्रयान 3 की लैंडिंग करवाई गई। पहले सैल्यूट देश के इसरो वैज्ञानिकों को भी जिन्होंने हाल ही में भारत को सफलता की पूर्ण ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। दूसरे प्रयोग के असफल होने पर भी हार नहीं मानी। और जिसमें निरंतर मेहनत करते हुए चंद्रयान 3 की लैंडिंग करते हुए तीसरी बार में चंद्रमा पर भी भारत का डंका बजा दिया। जिसमें विश्व के सभी देशों में भारत को ही यह सफलता मिली। और दूसरा सैल्यूट महाकाल मित्र मंडल झकनवादा के सभी सदस्यों को जिन्होंने मेहनत करते हुए आज झकनावदा नगर में भी चंद्रयान 3 की आर्टिफिशियल लैंडिंग करवाई। प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नहीं होती। यह कर दिखाया आज महाकाल मित्र मंडल झकनवादा के सदस्यों ने इनके हौसले और जुनून से ही यह संभव हो सका है। यह लोग भी किसी वैज्ञानिक से कम नहीं है। क्योंकि यह लोग अपनी कड़ी मेहनत से हर वर्ष बाबा भोलेनाथ की शाही सवारी में कुछ ना कुछ नया करने की कोशिश करते हैं।और हमेशा सफल होते हैं। हर धार्मिक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। और जो काम इनको दिया जाता है। उसे पर वह पूरी ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ करते हैं। और उस पर खरे उतरते हैं। अभी हाल ही में श्रृंगैश्वर धाम में 108 कुंडीय अति रुद्र महायज्ञ में सवा लाख रुद्राक्ष से निर्मित 31 फीट ऊंची भोले बाबा की शिवलिंग बनाई थी। जिसके हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए थे। एवं साथ ही बाबा भोलेनाथ की शिवलिंग की सेल्फी भी ली थी।और गांव के लोग भी इनकी तारीफ करते नहीं थकते।