8 सितंबर काे मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

8 सितंबर काे मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

 8 सितंबर काे  मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि


 हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को खास माना जाता है वही अनंत चतुर्दशी बेहद ही महत्वपूर्ण होती है इस दिन भक्त भगवान की पूजा अर्चना करते हैं और उपवास भी रखते हैं अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जानते हैं अनंत चतुर्दशी भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना को समर्पित किया गया है पंचांग के अनुसार यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है इस दिन भगवान श्री विष्णु को प्रणाम करके उनकी भुजा पर धागा बांध जाता है जिसमें 14 गाठें लगाई जाती है और इसी दिन श्री गणेश विसर्जन भी किया जाता है
इस पर्व को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है आपको बता दें कि अनंत चतुर्दर्शी का त्योहार इस बार 9 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री विष्णु की विधिवत पूजा आराधना करने और उपवास रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और दुखों व कष्टों से भी छुटकारा मिल जाता है, तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा अनंत चतुर्दशी पर्व की पूजा विधि, मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त और तिथि-
चतुर्दशी तिथि का आरंभ- 8 सितंबर 2022 दिन गुरुवार शाम 4 बजकर 30 मिनट पर
चतुर्दशी तिथि का समापन- 9 सितंबर 2022 दिन शुक्रवार दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर
पूजन का शुभ मुहूर्त- 9 सितंबर 2022 दिन शुक्रवार सुबह 6 बजकर 30 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक
जानिए पूजन की संपूर्ण विधि-
आपको बता दें कि अनंत चतुर्दशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें साफ वस्त्र धारण कर पूजन स्थल की साफ सफाई करें पूजन वेदी पर कलश रखें। इसमें कुश से बना अष्टदल कमल पुष्पदान पर स्थापित करें। भगवान श्री विष्णु की मूर्ति स्थापित करें इसके बाद सिंदूर, केसर और हल्दी में डुबोकर 14 गांठों वाला धागा तैयार करें इस धागे को भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा के सामने रखते हुए षोडशोपचार विधि से सूत और भगवान की प्रतिमा की पूजा करें पूजन के बाद इस मंत्र का जाप करें अनंत संसार महासुमद्रे मृं सम्भ्वड्र वासुदेव।अनंतरूपे विनिजयस्व ह्रानंतसूत्रेय नमो नमस्ते।। फिर पुरुष इस धागे को अपने बाएं हाथ में बांध लें और महिलाओं को इसे अपने दाहिने हाथ के चारों ओर पहनना चाहिए। फिर भगवान को मीठे का भोग लगाकर उनकी कथा का पाठ करें अंत में आरती करके प्रसाद पूरे परिवार को बांट दें इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को भोजन आदि का दान करना बेहद ही पुण्यदायी मान जाता है ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होकर पूरे परिवार पर कृपा बरसाते हैं।