जरूरतमंद बच्चों को भामाशाह की आस , सरकार से नही कोई सहायता । जीवन बना बोझ

जरूरतमंद बच्चों को भामाशाह की आस , सरकार से नही कोई सहायता । जीवन बना बोझ

 


कानोंड़।उदयपुर जिले के कानोंड़ निकटवर्ती पीपलवास कांकरो का फला गांव में 4 जरूरतमंद बच्चों की जीवन की कहानी, कैसे जीते हैं अपनी जिंदगी। अनु, रेखा, मनीष, कालू जिनके माता-पिता विगत 2 वर्ष पूर्व दोनों की हो गई मृत्यु। अब यह  बच्चे अपने काका के पास रहते हैं, काका भी बेहद गरीब है न इन बच्चों के रहने की सुविधा और न ही दो जून की रोटी ,  जिनके रहने का सही तरह का मकान भी नहीं है, कौन करेगा इनका भरण पोषण सरकार की कोई भी सुविधा नहीं मिल पा रही है इन जरूरतमंद बच्चों  को किसी भामाशाह की  जरूरत है , सरकार से भी यह बच्चे आस लगाए बैठे हैं ।  स्कूली शिक्षा से भी वंचित रहते हैं  बच्चे। कड़ाके की ठंड में ठिठुरते ये बच्चे रिटायर्ड प्रधानाचार्य शिवलाल प्रजापत पहुंचे पीपलवास तो वहां चार  गरीब बच्चों को बांटी कंबल, प्रधानाचार्य ने अपील की इन  गरीब बच्चों की कैसे  सरकार से मदद मिल सकती है मदद।