सिंगोली | देशभर में सोमनार यानी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया है. इस मौके पर पूरेसभी आदिवासी जनजाति अपनी सभ्यता संस्कृति एवं उत्थान को लेकर ये उत्सव के तौर पर मना गया है, ऐसे में सिंगोली तहसील के ग्राम कोज्या में भी सभी आदिवासी लोग ने आदिवासी दिवस मनाया है, विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर धनरुआ के कोल्हाचक में हजारो की संख्या में बच्चे, नौजवान, महिलाएं एकजुट होकर आदिवासी की पारंपरिक गीतों पर नाचते थिरकते नजर आये, आदिवासियों के उत्थान उसके अस्तित्व को बचाने के स्लोगन के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया. आदिवासी समाज के लोगों की मानें तो 'जल जंगल जमीन हमारी हैं, धान, धरती, धनुष हमारे हथियार हैं।बता दें कि आदिवासियों की भाषा, संस्कृति आदिवासियों के मूलभूत अधिकारों को लेकर और उनके संरक्षण के लिए 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक कार्य दल का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई. तब से आदिवासी समाज इसे आदिवासी दिवस यानी मूलवासी दिवस के रूप में मनाया है।बता दें कि आदिवासी शब्द दो शब्दों 'आदि' और 'वासी' से मिल कर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है. आदिवासी प्रकृति पूजक होते है. वे प्रकृति में पाये जाने वाले सभी जीव, जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते है. और उनका मानना होता है कि प्रकृति की हर एक वस्तु में जीवन होता है. भारत की जनसंख्या का 8.6% यानी कि लगभग (10 करोड़) जितना बड़ा एक हिस्सा आदिवासियों का है. भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए 'अनुसूचित जनजाति' पद का इस्तेमाल किया गया है।आपको बता दे 9 अगस्त को सिंगोली तहसील के ग्राम कोज्या में भील युवा शक्ति ग्राम कोज्या के ग्रामीणों द्वारा विश्व आदिवासी दिवस क्रायक्रम का योजन की गया साथ हुई इस उपलक्ष में भव्य रेली, आम सभा का आयोजन रखा गया इस पर हजारो की संख्या में आदिवासी शामिल हुए,, इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष नानालाल भील , तहसील अध्यक्ष सुरेश तावड, मिडिया प्रभारी संजय भील, ब्लाक अध्यक्ष रतनगढ़ रामलाल भील, ब्लाक अध्यक्ष सिंगोली पप्पूलाल भील, मोरवन सरपंच लालचन्द भील, उपसरपंच टीमरिया मोहल भील, जनपद कुंडला मांगीलाल, सरपंच खेडा अनिल भील, सरपंच बाणदा शिवराज भील, जनपद दिनेश भील, सरपंच चाउन्डीया सत्तू भील, गोविन्द भील, राजकुमार खराडी एवं अन्य सदस्य मोजूद रहे।