तमिलनाडु का मोटर वाहन अधिनियमः महिला यात्रियों को घूरने पर होगी जेल
नई दिल्ली। सफर के दौरान महिलाओं व लड़कियों की घूरने की पुरुषों की गंदी आदत से लड़कियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें किसी का घूरना बुरा तो लगता है कि साथ-साथ उस कारण उन्हें गुस्सा भी आता है। अब सरकार ने एक नया कानून बनाकर लड़कियों को घूरने को अपराध घोषित कर दिया है।
ऑटो, बस, ट्रेन, मेट्रो में सफर करते समय लड़कियों और महिलाओं को घूरने वाले लोगों की अब शामत होने वाली है। सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया है कि जिसके तहत यात्री वाहनों में महिलाओं व लड़कियों को घूरने पर जेल जाना होगा। यहीं नहीं लड़कियों को देखकर सीटी मारना, अश्लील इशारे करना भी अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। और इस तहत के कृत्य साबित होने पर आरोपी की हवालात की हवा खानी पड़ेगी।
यह कानून तमिलनाडु में बनाया गया है। तमिलनाडु में पहले से लागू मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है। जिसके बाद मोटर वाहन अधिनियम में एक नया प्रावधान दिया गया है, जिसके तहत बस में सवार महिलाओं को घूरने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है। संशोधित अधिनियम के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ सीटी बजाना, अश्लील इशारे करना और यौन शोषण जैसे गतिविधि भी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
मदद के बहाने महिला यात्रियों को छूना भी अपराध की श्रेणी में
संशोधित अधिनियम के तहत, बस कंडक्टर को किसी भी पुरुष यात्री को उतारना होगा या यात्रा के दौरान किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर उसे पुलिस थाने को सौंपना होगा। महिलाओं के खिलाफ अनुचित व्यवहार करने वाले कंडक्टरों को भी कानून के तहत कड़ी सजा मिलेगी। संशोधित अधिनियम में यह प्रावधान भी है कि यदि कोई कंडक्टर मदद करने के बहाने महिला यात्री को छूता है, तो उसे भी सजा मिलेगी।
कंडक्टर का महिला यात्रियों पर टिप्पणी करना भी अपराध-
इसके साथ ही कंडक्टर महिला यात्रियों पर कोई मजाक या टिप्पणी करता है, तो यह भी अपराध माना जाएगा। नियम के मुताबिक, कंडक्टर को एक शिकायत पुस्तिका बनाए रखनी होगी, जिसमें यात्री अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो इस शिकायत पुस्तिका को मोटर वाहन प्राधिकरण या पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
आईपीसी की धारा के तहत पहले से कानून लागू-
उल्लेखनीय हो कि पहले से भारतीय दंड संहिता में महिलाओं से घूरना को अपराध मानकर उसे परिभाषित किया गया है। आईपीसी की धारा 294 और धारा 509 के तहत गंभीर अपराध माना जाता है। ऐसे सभी मामले ‘इव टीजिंग’ यानी छेड़छाड़ के अंतर्गत आते हैं। यह कानून पूरे देश में लागू है। इससे इतर अब तमिलनाडु सरकार ने वाहन अधिनियम में भी महिलाओं को घूरने, सीटी मारने, अश्लील इशारे करने को कानूनन अपराध बताया है।
यह कानून तमिलनाडु में बनाया गया है। तमिलनाडु में पहले से लागू मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है। जिसके बाद मोटर वाहन अधिनियम में एक नया प्रावधान दिया गया है, जिसके तहत बस में सवार महिलाओं को घूरने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है। संशोधित अधिनियम के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ सीटी बजाना, अश्लील इशारे करना और यौन शोषण जैसे गतिविधि भी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
मदद के बहाने महिला यात्रियों को छूना भी अपराध की श्रेणी में
संशोधित अधिनियम के तहत, बस कंडक्टर को किसी भी पुरुष यात्री को उतारना होगा या यात्रा के दौरान किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर उसे पुलिस थाने को सौंपना होगा। महिलाओं के खिलाफ अनुचित व्यवहार करने वाले कंडक्टरों को भी कानून के तहत कड़ी सजा मिलेगी। संशोधित अधिनियम में यह प्रावधान भी है कि यदि कोई कंडक्टर मदद करने के बहाने महिला यात्री को छूता है, तो उसे भी सजा मिलेगी।
कंडक्टर का महिला यात्रियों पर टिप्पणी करना भी अपराध-
इसके साथ ही कंडक्टर महिला यात्रियों पर कोई मजाक या टिप्पणी करता है, तो यह भी अपराध माना जाएगा। नियम के मुताबिक, कंडक्टर को एक शिकायत पुस्तिका बनाए रखनी होगी, जिसमें यात्री अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो इस शिकायत पुस्तिका को मोटर वाहन प्राधिकरण या पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
आईपीसी की धारा के तहत पहले से कानून लागू-
उल्लेखनीय हो कि पहले से भारतीय दंड संहिता में महिलाओं से घूरना को अपराध मानकर उसे परिभाषित किया गया है। आईपीसी की धारा 294 और धारा 509 के तहत गंभीर अपराध माना जाता है। ऐसे सभी मामले ‘इव टीजिंग’ यानी छेड़छाड़ के अंतर्गत आते हैं। यह कानून पूरे देश में लागू है। इससे इतर अब तमिलनाडु सरकार ने वाहन अधिनियम में भी महिलाओं को घूरने, सीटी मारने, अश्लील इशारे करने को कानूनन अपराध बताया है।