सावधान! कोरोना के बाद इस वायरस का खतरा, सिरदर्द से होती शुरूआत
भोपाल। कोरोना के बाद यूं तो अनेक बीमारियां और वायरस फैले हैं पर एक वायरस बेहद खतरनाक है. डेंगू मलेरिया के साथ प्रदेश में अब जीका वायरस का खतरा मंडरा रहा है। मच्छरजनित इस वायरस से होनेवाली बीमारी का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि जीका वायरस के शुरूआती लक्षण बेहद हल्के होते हैं। प्रायः सिरदर्द से इसकी शुरूआत होती है लेकिन इलाज नहीं कराने पर ये जानलेवा हो सकता है. डाक्टर्स बताते हैं कि जीका वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाएं आती हैं।
दरअसल जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में जा सकता है जिससे अजन्मे बच्चे में मस्तिष्क दोष पैदा हो सकता है. इसे माइक्रोसेफेली के रूप में जाना जाता है. इस बीमारी में नवजात शिशु का मस्तिष्क और सिर सामान्य से आकार में छोटा हो सकता है। ऐसे लक्षणों पर गर्भवती महिलाओं को ब्लड या यूरीन टेस्ट के लिए डाक्टर को दिखाना जरूरी है ताकि किसी तरह की बुरी स्थिति से बचा जा सके।इसकी रिस्क इसलिए ज्यादा हो रही है क्योंकि यह मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है. कभी-कभी एक गर्भवती महिला से उसके भ्रूण तक, यौन संपर्क के जरिए और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए भी यह वायरस फैल सकता है। बुरी बात तो यह है कि फिलहाल जीका का कोई इलाज नहीं है। इसके लक्षण दिखने वाले व्यक्ति को आराम करने और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।
जीका संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि मच्छरों से बचा जाए. मच्छरों के काटने से बचना, मच्छरों को बढ़ने से रोकना और सुरक्षित यौन संबंध बनाना इसके बचाव के उपाय है. इसके साथ ही फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना, कीट निवारक का इस्तेमाल करना, बिस्तर में मच्छरदानी लगाना चाहिए। इन सब तरीकों से मलेरिया और डेंगू के साथ ही जीका वायरस से भी बचा जा सकता है।
लक्षण- सिरदर्द और हल्का बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द उल्टी जैसे प्रमुख लक्षण हैं।