देश की अर्थ-व्यवस्था में बढ़ रहा मध्यप्रदेश का योगदान : मुख्यमंत्री चौहान

देश की अर्थ-व्यवस्था में बढ़ रहा मध्यप्रदेश का योगदान : मुख्यमंत्री चौहान

  देश की अर्थ-व्यवस्था में बढ़ रहा मध्यप्रदेश का योगदान : मुख्यमंत्री चौहान


भोपाल)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। गत वित्त वर्ष में मध्यप्रदेश 19.74 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ देश में अग्रणी है। प्रदेश के पूँजीगत व्यय में लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल पूँजीगत व्यय के लिए 48 हजार 800 करोड़ रूपए की राशि से बेहतर कार्य हो रहे हैं। भारत की अर्थ-व्यवस्था में प्रदेश का योगदान बढ़ कर 4.6 प्रतिशत हो चुका है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए निरंतर प्रयास हुए हैं।मुख्यमंत्री चौहान आज जहाँनुमा होटल सभाकक्ष में इंडिया टुडे समूह के 'स्टेट ऑफ स्टेट्स : मध्यप्रदेश फर्स्ट' कार्यक्रम में प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति का ब्यौरा दे रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम के दौरान इंडिया टुडे समूह के ग्रुप एडिटर राज चेंगप्पा और सौरभ के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
:: प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र पर अमल और ग्लासगो सम्मेलन की प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रयास ::
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना काल में दिए गए आत्म-निर्भरता के मंत्र को स्वीकार करते हुए आपदा में अवसर के सिद्धांत पर कार्य करने वाला प्रदेश रहा है। अधो-संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन क्षेत्र में देश के विशेषज्ञों से वर्ष 2020 में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त किए गए थे। इसी तरह पर्यावरण-संरक्षण की चर्चा करें तो, ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की कुछ प्रतिबद्धताओं से अवगत करवाया था। यह सम्मेलन ग्रीन हाऊस गैसों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार जीवाश्म ईंधन और कोयले के इस्तेमाल को कम करने की योजना बनाने वाला प्रथम जलवायु सम्मेलन था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने पृथ्वी को सुरक्षित रखने के संबंध में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने भारत द्वारा वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने और ग्लोबल वार्मिंग के विनाशकारी प्रभावी से लड़ने के लिए 5 सूत्री योजना की जानकारी दी थी। मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री मोदी द्वारा व्यक्त प्रतिबद्धता के अनुरूप अपने प्रयास प्रारंभ कर चुका है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आने वाले वर्ष में बड़ी संख्या में नौकरी और स्व-रोजगार के अवसर युवाओं को मिलेंगे। प्रदेश में 32 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। युवाओं को आगामी एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरियों में स्थान मिलेगा। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। स्व-सहायता समूह से लगभग 43 लाख परिवार की महिलाएँ जुड़ी हैं। इन्होंने अर्थ-व्यवस्था को नई ताकत दी है। समूह की बहनों को 3 हजार करोड़ रूपए का ऋण दिलवाया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं से गत सात माह में लगभग 22 लाख से अधिक स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित किए गए हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन और अन्य योजनाओं से प्रतिवर्ष करीब 2 लाख लोगों को स्व-रोजगार के लिए मदद दी जा रही है।
:: कृषि क्षेत्र ::
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जहाँ गेहूँ उत्पादन में हम सबसे आगे हैं, वहीं फसलों के विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है। राजधानी के नजदीक सीहोर जिले में तुलसी और अश्वगंधा की पैदावार हो रही है। किसानों को कृषि उत्पादन का उचित मूल्य दिलवाने के साथ उन्हें नई कृषि तकनीक से परिचित करवाने का कार्य हो रहा है। किसानों को उत्पादन के विक्रय के लिए मंडी के साथ अन्य विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं, इन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। किसानों के खातों में 7816 करोड़ रूपए की राशि जमा करवाई गई है। किसानों को राहत देने के लिए 13 प्रमुख कम्पनियों से चर्चा की गई है, जिसमें एम.एस.एम.ई. सेक्टर की तरह किसान लाभान्वित होंगे। सरकार, किसान और निजी क्षेत्र संयुक्त रूप से प्रयास कर रहे हैं, जिसमें प्राकृतिक कृषि के लिए किसान प्रेरित हो रहे हैं। अनुबंध के अनुसार पैदावार को खरीदने के लिए मूल्य निर्धारित किया जाएगा। किसान का फायदा हो, इस दृष्टि से कम्पनी अथवा व्यापारी द्वारा सहयोग दिया जाएगा।
:: पर्यावरण क्षेत्र और नवकरणीय ऊर्जा ::
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में जन-सहयोग से अनेक कार्य हो रहे हैं। मैं प्रतिदिन पौधे लगाता हूँ। अंकुर पोर्टल बना कर नागरिकों को विवाह वर्षगाँठ, परिजन के जन्म-दिवस और पूर्वजों की पुण्य-स्मृति में पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र के बाद नीमच, शाजापुर, मुरैना, छतरपुर में भी सौर ऊर्जा उत्पादन की पहल हुई। मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन के प्रति गंभीर प्रयास किए गए हैं। ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग प्लांट के लिए पहल हुई है। यहाँ 600 मेगावाट क्षमता का संयंत्र कार्य करेगा। आज विश्व अक्षय ऊर्जा दिवस भी है। हमारा संकल्प है कि प्रदेश को अक्षय ऊर्जा स्रोतों का लाभ दिलवा कर मध्यप्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी बनायें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पृथ्वी को सुरक्षित रखने और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य हो रहा है।