दो साल से बंद पड़ा शहर का एकमात्र यातायात सिगनल, बिगड रही यातायात व्यवस्था

दो साल से बंद पड़ा शहर का एकमात्र यातायात सिगनल, बिगड रही यातायात व्यवस्था

 दो साल से बंद पड़ा शहर का एकमात्र यातायात सिगनल, बिगड रही यातायात व्यवस्था




  नीमच (निप्र)। शहर की बिगड़ रही यातायात व्यवस्था को सुधारने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शहर में यातायात व्यवस्था बनाने के लिए फ्रूट मार्केट चौराहे पर यातायात सिगनल दो साल से बंद पड़े हैं। इन सालों में कई बार यातायात सुरक्षा सप्ताह मनाया गया तो कई बार वाहन रैली निकालकर सुरक्षा का संदेश दिया, लेकिन यातायात सिग्नल सुधारने पर कोई ध्यान नहीं दिया।

 शहर में यातायात पुलिसकर्मियों की वैसे ही कमी है। ड्यूटियां लगाने के लिए पुलिसकर्मी कम पड़ जाते हैं। ऐसे में अगर ट्रैफिक सिग्नल सड़कों पर लगे हों तो काफी हद तक यातायात नियंत्रित हो सकता है। शहर के व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की आवश्यकता काफी समय पहले से ही महसूस की जा रही है। पूर्व में कुछ पुलिस अधिकारियों  और नपा अधिकारियों  ने इच्छा शक्ति दिखाई और यहां से प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन अमल नहीं हुआ। अब इसको लेकर कोई बात तक नहीं करता, जबकि यातायात नियंत्रण का ट्रैफिक सिग्नल भी महत्वपूर्ण अंग है।
सबसे व्यस्ततम चौराहों में शामिल  टैगोर मार्ग पर यातायात को व्यवस्थित करने के लिए लगाए गए है, लेकिन करीब 25 लाख रुपये की लागत के सभी यातायात सिग्नल दो साल से बंद है। इसके कारण चाैराहे पर  जाम की स्थिति बनती है। सिग्नल बंद होने से बेलगाम यातायात के चलते आए दिन छिटपुट दुर्घटनाएं भी होती है। इस दिशा में प्रशासनिक अधिकारी और नगर पालिका का ध्यान नहीं है। नगरपालिका ने इन सिग्नलों पर करीब 25 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हुए। लेकिन ये तकनीकी खामी के कारण काफी समय से है। इस कारण यातायात नियमों का पालन कराने में इनकी कोई मदद नहीं मिल रही है।
नियम दरकिनार कर रहेः हाईवे पर स्थित शहर के फव्वारा चौक  पर भी यातायात का दबाव अधिक होता है। चौक पर निजी यात्री बसें रुकती है। इसके कारण बार - बार जाम की स्थिति बनती है। यातायात सिग्नल नहीं होने से नियमों को नजर अंदाज किया जा रहा है। इसके कारण आए दिन छिटपुट दुर्घटनाएं होती है।
इन चौराहों पर है जरूरत-
चौकन्ना बालाजी चौराहा,  एलआईसी चौराहा, कलेक्टोरेट चौराहा सहित  रेलवे स्टेशन पहुंच मार्ग हैं।  
इनका कहना-
 जब तक शहर में ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगेंगे तब तक जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पाएगी। नेताओं और अधिकारियों ने अगर पूर्व में इच्छा शक्ति दिखाई होती तो शहर जाम की समस्या से नहीं जूझ रहा होता।
- डा. नरेश तिवारी, शहरवासी
-ट्रैफिक सिग्नल कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है। सिर्फ थोड़ी सी पहल करने की जरूरत है। अगर अधिकारी चाहें तो ट्राफिक की  समस्या से निपटने के लिए सिग्नल लगवा सकते हैं।- अनिल कुमार, शहरवासी
- जाम की समस्या लाइलाज बीमारी नहीं है। इसका निदान हो सकता है। अगर नगरपालिक मशीनरी चाहे तो इस संकट का हल होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, लेकिन इसके लिए इच्छा शक्ति चाहिए। मधुकांता शर्मा, गृहणी।