शबे कद्र पर शहर की प्रमुख मस्जिदों को आकर्षण रोशनी से सजाया गया
नीमच ।माहे रमजान में बाजारों में इफ्तार और कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी हो रही है। जिलेभर की अधिकांश मस्जिदों में 27 दीनी तरावीह की नमाज हो रही है। रोजा इफ्तार का सिलसिला जारी है। एमआई सी अध्यक्ष गुलाम रसूल पठान,इलियास भाई कुरैशी ने बताया की रहमत और बरकत वाले माहे. ए. रमजान में मुस्लिम धर्मावलंबी जिसमें पुरुष महिलाएं और बच्चे इबादत में व्यस्त है, मस्जिदों और घरों में इबादत का सिलसिला निरंतर जारी है। रमजान की रौनक बाजारों में देखी जा रही है। अंतिम पड़ाव में जिले में रमजान पर्व श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। बाजारों में सीवईयां, नुखती ,शीर माल के अलावा दाल व बेसन के बने व्यंजनों की दुकानें लगी है बाजारों में खासी चहल-पहल देखने को मिल रही है। इसी तरह रात में तरावीह की नमाज पूरी होने के बाद लोग सेहरी के लिए खरीदारी कर रहे हैं। रमजान का पूरा माह खेर बरकत वाला है इसका एक पल भी गफलत में नहीं गुजारना चाहिए । नेकियों के फसल ए बहार वाले इस माह में रोजा रखने नमाज अदा करने तरावीह की नमाज पढ़ने के अलावा सुन्नत व नफील नमाज़ो का एहेतमाम करना चाहिए। यह मुसलमानों को मालिक के साथ प्यार लग्न जाहिर करने के साथ खुद को खुदा की राह पर चलने का मौका देने वाला यह महीना हर बंदे के लिए खुदा की नेमत है।
*शबे कद्र की रात आज*
शबे कद्र के मुबारक मौके पर मुस्लिम समाजजन आज 6 अप्रैल शनिवार को रात भर जाकर खुदा की इबादत करेंगे। इस अवसर पर शहर की प्रमुख जामा मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों व कब्रिस्तान को भी आकर्षण रोशनी से सजाया गया है। 27 वी शब का महत्व इस्लाम धर्म में काफी प्रमुख स्थान रखता है। इस एक रात में हजार रातों के बराबर सवाब मिलता है और इस दिन का सभी मुस्लिमजनों को रमजान महीने के दौरान बेसब्री से इंतजार रहता है। इस रात में हर इंसान रात-रात भर जाग कर इबादत में डूबकर कब्रिस्तान में पहुंचकर पूर्वजों को फूल और इत्र का छिड़काव कर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। शबे कद्र की रात रमजान महीने की सबसे पावन रात कहलाई जाती है।
*अलविदा जुमा पर मस्जिदों में अदा की गई नमाज।*
रमजान मुबारक महीने के आखिरी जुमा अलविदा जुमा पर रोजेदारों ने मस्जिदों व घरों में नमाज अदा की। शहर की सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। इस मौके पर हर घर में बच्चे बूढे़ जवान और घर की औरतों ने कुरआन-पाक की तिलावत कर नमाज अदा की। इस दौरान अल्लाह से सभी के लिये दुआएं की गई ।