मौसम में ये बदलाव दिखेगा अलनीनो की वजह से। भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक ‘प्रशांत महासागर की पट्टी में अलनीनो अभी भी सक्रिय है। इसका असर मई के महीने तक रहेगा। वहीं हिंद महासागर में इंडियन ओशियन डाइपोल (हिंद महासागर द्विध्रुव) का असर भी बना है। इसे देखते हुए मप्र में ज्यादा गर्मी पडऩे की संभावना है। मौसम विभाग का ये भी कहना है कि इस बार पूर्वी की बजाय पश्चिमी मध्यप्रदेश के लोगों को ज्यादा तपन महसूस होगी। इन इलाकों में अप्रैल के पहले सप्ताह में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगा। मई के आखिरी पखवाड़े में यह 49 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
अप्रैल से जून तक ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज-
अप्रैल, मई और जून के पहले पखवाड़े तक पश्चिमी मध्य प्रदेश का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना मौसम विभाग जता रहा है। वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सामान्य या उससे कम गर्मी पडऩे की संभावना है। भोपाल, चंबल, ग्वालियर, इंदौर और नर्मदापुरम संभाग में अप्रैल में ही 6 दिन लू चलने की संभावना है। यहां सामान्य तापमान औसतन आधा से एक डिग्री तक ज्यादा रहने की संभावना है। वहीं उज्जैन, सागर, जबलपुर और रीवा संभाग में अप्रैल में 9 से 12 दिन तक लू चलने की संभावना भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी प्रकाश देवले का कहना है, मौसम प्रणालियों के अध्ययन के बाद जो तस्वीर सामने आई है उसके मुताबिक इस बार गर्मी अधिक पड़ेगी। जम्मू-कश्मीर में ताजा बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही बारिश की वजह से अभी मौसम सामान्य से ठंडा है। इस सिस्टम के हटने के बाद मौसम तेजी से गर्म होगा। अनुमान है कि अप्रैल की शुरुआत में तेज गर्मी का एहसास होने लगेगा।
इन जिलों के सबसे अधिक प्रभावित होने का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक मार्च से मई के इस सीजन में बढ़े हुए तापमान का असर मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में देखने को मिलेगा। भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी में सबसे भीषण गर्मी पडऩे की संभावना है। छतरपुर, टीकमगढ़, रीवा, सतना, पन्ना, ग्वालियर, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर और देवास में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। वहीं बालाघाट, शहडोल, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर, देवास, इंदौर जैसे जिलों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा। केवल कटनी और दमोह में सामान्य तापमान की संभावना जताई जा रही है। अधिकांश जिलों में लू चलने की संभावना 30 से 70 प्रतिशत के बीच बताई जा रही है।