गुड़, हल्दी, काली मिर्च व नीम के पत्ते रोग में फायदेमंद
लंपी रोग की गायों का इलाज करने वाले डाॅ. सूर्य प्रकाश नेहरा ने बताया कि लंपी पीड़ित गाय का इलाज करने के साथ ही उनकी इम्युनिटी बढ़ाना आवश्यक है। तभी वे वायरस से लड़ पाएंगी। उन्होंने बताया कि अधिकतर गायों में ये देखा गया है कि संक्रमित होने के 5 से 6 दिन बाद उसमें लक्षण आते हैं।उसके शरीर पर गाठों का अधिक होना, बुखार आना, पैरों मे सूजन आना और ये लक्षण लगभग 10 दिन तक रहते हैं। दस दौरान जानवर का अधिक ध्यान रखना होगा। पशु की इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टी विटामिन, लीवर टाॅनिक और आयुर्वेदिक मेडिसिन दे सकते हैं।
डाॅ. नेहरा का कहना है कि लंपी रोग से पीड़ित गाय का जब 8वें दिन ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाई तो पाया गया कि उसका लीवर व किडनी भी प्रभावित हुए है। इसलिए गाय की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लीवर टाॅनिक व मल्टीविटामिन देना आवश्यक माना गया है। यदि 7वें, 8वें व 9वें दिन चारा पानी खाना गाय ने छोड़ दिया है तो इसका मतलब है कि उसके सैकण्डरी बैक्टिरियल इन्फेक्शन डेवलप हो चुका है।
वायरस इलाज में काम आने वाली दवाएं और उपाय
लेवमीसोल इंजेक्शन एक बार
इवरमेक्टिन इंजेक्शन एक बार
बोलस मेलाविसकैम, पैरासिटामोल एक-एक सुबह शाम 5 दिन तक { बोलस मल्टी विटामीन { सभी दवाएं पशुओ में उनके वजन के हिसाब से दवाई की डोज तय किया जाना होता है
ये सावधानी बरतें
पशु को छायादार स्थान पर रखे
उन्हें संतुलित आहार दें।
बुखार होने पर उसे कम करने के लिए दवा दें।
पशु के आसपास के क्षेत्र में सफाई रखें।
नीम के पानी से गाय को नहलाएं, खिला भी सकते हैं।
बड़ी गाय के लिए रोजाना 250 ग्राम गुड़, 15 ग्राम हल्दी,15 काली मिर्च दे सकते हैं।
छोटी गाय के लिए रोजाना बछड़े, बछड़ी को 50 ग्राम गुड़, 5 ग्राम हल्दी, 5 काली मिर्च दें।
नीम के पत्ते खिला सकते हैं।
छाछ पिला सकते हैं।
नीबू खिला सकते हैं।