नीमच(निप्र)। आज 20 अगस्त को महिलाओं के महासम्मेलन संवर्धिनी का आयोजन किया जाएगा। यह सम्मेलन नीमच जिले में सरस्वती शिशु मंदिर नीमच में होगा। सम्मेलन में भारतीय दर्शन में महिला एवं भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका जैसे विषयों पर उद्बोधन होंगे।
समाजसेवी लक्ष्मी प्रेमाणी ने बताया सम्मेलन का उद्देश्य समाज की महिलाओं को जागृत करना है। महिला उत्पीड़न एवं अपराध बढ़ते जा रहे हैं। इसका प्रमुख कारण है हमारा भारतीय जीवन मूल्यों एवं संस्कृति से विमुख होना। हमारे जीवन मूल्य सम्पूर्णता पर आधारित हैं, जिनका आधार पारस्परिकता है। स्त्री और पुरुष को पृथक पृथक ना देखकर हम सम्पूर्णता अर्थात परिवार के रूप में देखते हैं। परिवार का केंद्र बिंदु महिला है।
20 अगस्त को संवर्धिनी चिंतन भारतीय स्त्री महासम्मेलन में 20 अगस्त को कार्यक्रम में तीन सत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।प्रथम सत्र के दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य श्री सीताराम जाजू कन्या महाविद्यालय द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुषमा विश्नोई रहेंगे। जिसका मुख्य विषय भारतीय नारी चिंतन रहेंगा। द्वितीय सत्र में चर्चा का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रत्येक महिला भागिता रहेंगी। तीसरे सत्र की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता भारद्वाज करेंगी। प्रमुख वक्ता प्रतिभा सोनटके भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर मार्गदर्शन देंगी। सम्मेलन का मूल उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव होंना है।सम्मेलन द्वारा सम्पूर्ण देश की महिलाओं को अपनी अभिव्यक्ति करनें का अवसर मिलेगा एवं एक साथ एक मंच पर अवसर मिलेगा।महिलाओं के विशेष आग्रह पर कार्यक्रम स्थल पर भी पंजीयन चालू रहेगा। अब तक 700 से ज्यादा पंजीयन हो चुके है। 1 हजार महिला के सम्मेलन में उपस्थिति होने की संभावना है।
भारत की सांस्कृतिक समृद्धता का आधार भारत की पारिवारिक जीवन शैली है.परिवार तक मूल्यों को दृढता प्रदान करने का कार्य मातृशक्ति का ही रहा है, भारत स्त्रीत्व के तेज और कर्तृत्व का ही साकार स्वरुप है,इसीलिये भारत को भारत माता कहकर स्त्रीत्व को सम्मान दिया गया है.समाज में इस भाव की दृढता बनाये रखने के लिये महिलाओँ के बीच इस विमर्श का मनन और चिंतन आवश्यक है। केवल पंजीकृत बहनें ही इसमें सहभागी हो सकेंगी.इस वैचारिक मंथन में तीन सत्र होंगे प्रथम सत्र की वक्ता बिश्नोई जी हैं जो भारतीय चिंतन में महिला विषय पर मार्गदर्शन करेंगी। दूसरा सत्र चर्चा का है जिसमें उपस्थित बहनों की सहभागिता रहेगी.इसी प्रकार तीसरे सत्र में प्रतिमाजी सोनटक्के का मार्गदर्शन भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका पर प्राप्त होगा-
संपूर्ण देश में महिलाओं को अभिव्यक्त होने का अवसर मिले एवं वे एक साथ एक मंच पर एकत्र आकर संगठित हो सकें व नीति निर्धारण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकें इस वृहद् उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में आप भी पंजीयन करवा कर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर सकते हैं।