'संवर्धिनी' महासम्मेलन में भारतीय स्त्री पर चिंतन विषय पर दी जानकारी

'संवर्धिनी' महासम्मेलन में भारतीय स्त्री पर चिंतन विषय पर दी जानकारी



850 महिलाओं ने की सहभागिता

नीमच। श्री बाबा साहब नातू स्मृति सेवा न्यास के तत्वाधान में रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर में महिलाओं का महासम्मेलन संवर्धिनी संपन्न हुआ। जिसमें 850 महिलाओं ने शामिल होकर सम्मेलन में अपनी सहभागिता निभाई। समाजसेवी लक्ष्मी प्रेमाणी ने बताया कि वर्तमान में महिलाओं के उत्पीड़न और उनके साथ बढ़ते अपराध का मुख्य कारण भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति से विमुख होना है। इसी उद्देश्य से महिलाओं को जागृत करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि संवर्धिनी महिला सम्मेलन में भारतीय स्त्री पर चिंतन किया जा रहा है। सम्मेलन का खास उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाना है और महिलाओं के योगदान को बढ़ाना है। यह गरिमामय कार्यक्रम 3 सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में मीना हरित की अध्यक्षता में भारतीय नारी का चिंतन विषय पर मुख्य वक्ता सुषमा विश्नोई ने अपने विचार रखें। इस दौरान सुधा महावर भी मौजूद रही। दूसरे सत्र में भारतीय महिलाओं की वर्तमान स्थिति और स्थानीय समस्या पर चर्चा की गई। चर्चा में 20 प्रवर्तक शामिल हुए। तीसरे सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में प्रतिभा सोनटके ने भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस सत्र की अध्यक्षता सुनीता भारद्वाज ने की। महिलाओं के इस महासम्मेलन में समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली सशक्त, आत्मनिर्भर और स्व सहायता समूह की करीब 700 महिलाएं मुख्य रूप से शामिल रही। कार्यक्रम महिलाओं को अभिव्यक्ति का मंच उपलब्ध कराने, जागरूक और संगठित करने के उद्देश्य की दृष्टि से सफल रहा।