जीएसटी राजस्व में 26% और पंजीयन राजस्व में 15.75% की बढ़ोतरी

जीएसटी राजस्व में 26% और पंजीयन राजस्व में 15.75% की बढ़ोतरी

पारदर्शी कर प्रशासन, व्यावसायियों को मिली सुविधाओं से मिला परिणाम
नीमच। मध्यप्रदेश में पारदर्शी कर प्रशासन और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा करदाताओं और व्यावसायियों को दी गई सुविधाओं के चलते जीएसटी , आबकारी, पंजीयन और वाणिज्यिक कर राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। मध्यप्रदेश जीएसटी रिटर्न फाईलिंग में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। पिछले साल जुलाई माह तक जीएसटी राजस्व प्राप्ति 8,311 करोड़ रूपये थी जो इस साल रूपये 10,945 करोड़ हो गई है जो 26 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि लक्ष्य जुलाई तक 10,339 करोड़ के राजस्व का है। इसी प्रकार पिछले साल आबकारी राजस्व प्राप्ति जुलाई तक रूपये 4,643 करोड़ थी जो इस साल बढ़कर रूपये 4,655 करोड़ हो गई है। पंजीयन राजस्व में पिछले साल के मुकाबले 15.75% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल यह रूपये 2732 करोड़ था जो कि इसी अवधि में रूपये 3162 करोड़ हो गया है। लक्ष्य रूपये 3085 करोड़ प्राप्ति का है। वाणिज्यिक कर राजस्व पिछले साल जुलाई तक रूपये 21,571 करोड़ था जो इस साल रूपये 23,789 करोड़ हो गया है यानी 10.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह जुलाई तक कुल 551 प्रकरणों में प्रवर्तन की कार्यवाही की जाकर 133 करोड़ रूपये जमा कराये गये हैं। ऑडिट हेतु आवंटित 863 प्रकरणों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अभी तक 10.20 करोड़ रूपये जमा कराये गये। इस प्रकार वर्ष 2023-24 में प्रवर्तन की कार्यवाही से 37.20 करोड़ रू जमा कराये गये। पिछले साल बकाया राशि 4895.16 करोड़ थी। इसमें से कुल संस्थापन 1871.46 करोड़ रूपये हुआ। इसी अवधि में रू 1011.12 करोड़ की राशि वसूल की गई, जिसमें से नकद वसूली रू 261.53 करोड़ एवं अन्य वसूली रू 749.59 करोड़ की हुई। इस साल मार्च तक शेष बकाया राशि रू 5755.49 है जिसकी वसूली की कार्रवाई चल रही है।
ईडब्यूएस के लिए स्टाम्प शुल्क से छूट-
भू-संपदा नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत परियोजनाओं में निजी विकासकर्ताओं दूवारा ईडब्यूएस के पक्ष में निष्पादित विक्रय पत्रों पर स्टाम्प शुल्क से छूट दी गई है। साथ ही भू-सम्पदा आधारित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसी तिथि से प्रभावी अन्य अधिसूचना द्वारा कॉलोनी के विकास के एवज में भूखण्ड बंधक रखे जाने पर देय स्टाम्प शुल्क 0.5 प्रतिशत से घटा कर 0.125 प्रतिशत किया गया है। व्यापार को सरल बनाने के दृष्टिगत विकास अनुबंध में अनुसरण में विकासकर्ता के शेयर के संबंध में विकासकर्ता को विक्रय का अधिकार देने वाले मुख्तारनामे पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 1000 रूपये किया गया है। पिछले 15 वर्षों के भौतिक रूप से पंजीबद्ध दस्तावेज़ के डिजिटाइजेशन का काम जारी है। इससे आम-जन को पुराने दस्तावेज की प्रमाणित प्रतियां आसानी से मिल जायेंगी। विभागीय एप्लीकेशन सम्पदा में दस्तावेज के पंजीकरण को और ज्यादा पारदर्शी बनाया जा रहा है। आम-जन को नई तकनीक के माध्यम से फेसलेस ई-स्टाम्पिंग और ई-रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी।